दैनिक पंचांग , दैनिक चौघड़िया मुहूर्त
13/01/2022
🚩ॐ श्री हरिराम बाबा नम:🚩
📜 दैनिक पंचांग 📜
🔅 तिथि एकादशी 19:34:51
🔅 नक्षत्र कृत्तिका 17:06:54
🔅 करण विष्टि 19:34:51
🔅 पक्ष शुक्ल
🔅 योग शुभ 12:32:30
🔅 वार गुरूवार
☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 07:15:17
🔅 चन्द्रोदय 14:03:59
🔅 चन्द्र राशि वृषभ
🔅 सूर्यास्त 17:44:22
🔅 चन्द्रास्त 28:11:00
🔅 ऋतु शिशिर
☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1943 प्लव
🔅 कलि सम्वत 5123
🔅 दिन काल 10:29:04
🔅 विक्रम सम्वत 2078
🔅 मास अमांत पौष
🔅 मास पूर्णिमांत पौष
☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित 12:08:51 - 12:50:48
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त :
10:44:59 - 11:26:55
14:56:36 - 15:38:33
🔅 कंटक 14:56:36 - 15:38:33
🔅 यमघण्ट 07:57:14 - 08:39:10
🔅 राहु काल 13:48:28 - 15:07:06
🔅 कुलिक 10:44:59 - 11:26:55
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 16:20:29 - 17:02:25
🔅 यमगण्ड 07:15:17 - 08:33:55
🔅 गुलिक काल 09:52:34 - 11:11:12
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल दक्षिण
☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
☀ चन्द्रबल
🔅 वृषभ, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन
( दैनिक चौघड़िया मुहूर्त )
🚩ॐ श्री हरिराम बाबा नम:🚩
🔅शुभ 07:15:17 - 08:33:55
🔅रोग 08:33:55 - 09:52:34
🔅उद्वेग 09:52:34 - 11:11:12
🔅चल 11:11:12 - 12:29:50
🔅लाभ 12:29:50 - 13:48:28
🔅अमृत 13:48:28 - 15:07:06
🔅काल 15:07:06 - 16:25:44
🔅शुभ 16:25:44 - 17:44:22
🔅अमृत 17:44:22 - 19:25:43
🔅चल 19:25:43 - 21:07:05
🔅रोग 21:07:05 - 22:48:26
🔅काल 22:48:26 - 24:29:48
🔅लाभ 24:29:48 - 26:11:09
🔅उद्वेग 26:11:09 - 27:52:31
🔅शुभ 27:52:31 - 29:33:52
🔅अमृत 29:33:52 - 31:15:14
जय श्री कृष्ण आप सभी हरि वैष्णव जन को पौष पुत्रदा एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं ।
पौराणिक कथाओं के अनुसार किसी समय भद्रवती नगर में राजा सुकेतु का राज्य था । संतान ना होने की वजह से दोनों पति-पत्नी बहुत दुखी रहते थे । 1 दिन राजा और रानी सारा राजपाट अपने मंत्री को सौंप कर वन में चले गए। इस दौरान उनके मन में आत्महत्या करने का विचार आया लेकिन उसी समय राजा को यह बोध हुआ की आत्महत्या से बढ़कर कोई आप नहीं हैं। अचानक उन्हें वेद पाठ के स्वर सुनाई दिए गए और वह उसी दिशा में चल पड़े । साधु के पास पहुंचने पर उन्हें पौष पुत्रदा एकादशी का महत्व पता चला । इसके बाद दोनों पति पत्नी ने पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत किया और इसके फल से उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई। इसके बाद से पौष पुत्रदा एकादशी का महत्व बढ़ने लगा। वह दंपति जो निसंतान है उन्हें श्रद्धा पूर्वक पौष पुत्रदा एकादशी का उपवास जरूर करना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना करें एकादशी से 1 दिन पूर्व रात्रि में कुछ भी ना खाएं और अगले दिन भगवान विष्णु का खूब नाम सिमरन करें खूब हरि नाम संकीर्तन करें प्रतिदिन गौ माता की सेवा करें।
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